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क्यों खबरों में छाया रहा अडानी ग्रुप?



आए दिन हमें अडानी घोटाला या अडानी भ्रष्टाचार से संबंधित अलग-अलग खबरें सुनने को मिलती है। मगर अब तक अडानी समूह पर उनके विरोधियों द्वारा लगाए गए यह सभी आरोप सुप्रीम कोर्ट की जाँच में सिद्ध साबित नहीं हुए हैं। जो यह दर्शाता है कि अडानी इंडस्ट्रीज किसी प्रकार के भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है।


विरोधियों को रास नहीं आती अडानी की सफलता


अडानी ग्रुप पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों एवं उनके माध्यम से अडानी इंडस्ट्रीज के प्रतिद्वंदी बिज़नेस ग्रुप द्वारा यह आरोप लगाए जाते हैं कि अडानी समूह की कंपनियों द्वारा देश में अलग-अलग तरह के घोटाले किए जा रहे हैं, जो देश की जनता के साथ एक प्रकार का धोखा है और देश की संपत्ति को लूटने का माध्यम है। अनेकों नेताओं द्वारा अडानी मोदी संबंध को आधार बनाकर भी अडानी ग्रुप पर अलग-अलग बेबुनियाद आरोप लगाए जाते हैं जो पूर्णतः गलत है।


आरोपों से घिरा अडानी उद्योग


अडानी बिज़नेस ग्रुप आज देश के शीर्ष उद्योगों में शुमार है और अलग-अलग क्षेत्र में अपने व्यापार संचालित करता है। अडानी इंडस्ट्रीज की यह उन्नति और राष्ट्र निर्माण के लिए किए जा रहे उनके सार्थक प्रयास से काफी लोगों को ईर्ष्या भी होती है और वे अपने मतलब के लिए देश की जनता को गुमराह करने के उद्देश्य से झूठे आरोप गौतम अडानी और अडानी समूह पर थोपते हैं। अडानी बिजली घोटाला, अडानी हसदेव घोटाला, हिंडनबर्ग घोटाला आदि नाम से अडानी ग्रुप को टारगेट किया जाता है।


आइए जानते है इन घोटालों में छुपा सच


अडानी बिजली घोटाला


अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक पार्टी आप के प्रवक्ता संजय सिंह द्वारा अडानी ग्रुप पर आरोप लगाया गया था कि अडानी पॉवर इंडस्ट्रीज द्वारा महाराष्ट्र में बिजली उत्पादन और वितरण में अनावश्यक निवेश करते हुए बिजली घोटाला किया जा रहा है। उनके आरोप के अनुसार अडानी पावर ग्रुप द्वारा बिजली उत्पादन के लिए जरूरत से ज्यादा महंगे उपकरण खरीदे गए जिसमें करीब 10000 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ।


संजय सिंह का यह बयान मुख्य रूप से अडानी मोदी संबंध पर प्रश्न उठाने के लिए था जिससे मोदी व उनकी राजनीतिक पार्टी बीजेपी की छवि को हानि पहुँचे और इसका लाभ विपक्षी दलों को मिल सके।

संजय सिंह का कहना था कि अडानी पॉवर लिमिटेड अपने देश में बिजली न देते हुए इसे अन्य देशों को बेचकर पैसा कमा रहा है जिसमें उसे केंद्र सरकार द्वारा पूरा पूरा सहयोग दिया जा रहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की जाँच में अडानी समूह पर इस प्रकार का कोई आरोप सही सिद्ध नहीं हुआ।


परंतु संजय सिंह अपनी गलतियों और गैर कानूनी कामों की वजह से स्वयं ही ED (Enforcement Directorate) के घेरे में है और सलाखों के पीछे है। यह हमारी भारतीय न्यायपालिका के निष्पक्ष न्याय प्रणाली का नतीजा है।


अडानी हसदेव कोयला घोटाला


अडानी और सरकार विरोधियों ने पिछले दिनों केंद्र सरकार को जिम्मेदार बताते हुए आरोप लगाया था कि हसदेव अरण्य वन में अवैध रूप से कोयला खनन किया जा रहा है। उनका आरोप था कि इस कोयला घोटाला में सरकार और अडानी समूह की मिलीभगत है। विपक्षी दलों का दावा है कि छत्तीसगढ़ के घने जंगलों में भारी मात्रा में कोयला खदान है और करीब 1 लाख से अधिक हेक्टेयर में फैले हुए हसदेव अरंड वन में वहाँ के आदिवासियों के विरोध के बावजूद अडानी ग्रुप द्वारा कोयला खनन किया जा रहा है।


अपनी दलीलों में आरोप लगाने वाले नेताओं ने कहा कि इसके पहले अरण्य वन क्षेत्र में राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने कोयला खनन पर प्रतिबंध लगा रखा था क्योंकि इस खनन प्रक्रिया से वहाँ की प्राकृतिक संपदा और वहाँ पाए जाने वाले हाथियों की प्रजाति को भारी नुकसान का खतरा है। मगर मोदी सरकार के साथ मिलकर अडानी ने इस कोयला खनन को शुरू करने के प्रयास किए और स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद भी आज अडानी समूह का खनन कार्य वहाँ जारी है।


हिंडनबर्ग घोटाला


अडानी हिंडनबर्ग केस कुछ महीनों से खबरों में है। अडानी समूह के विरोधियों द्वारा हर प्रयास किया जा रहा है कि कैसे उनके नाम पर आरोप प्रत्यारोप करके गौतम अडानी और अडानी इंडस्ट्रीज की छवि को बिगाड़ा जा सके। जिससे अडानी ग्रुप की मार्केट वैल्यू को डाउन किया जा सके और उसके के व्यापार को कम किया जा सके। इसी कोशिश में अमेरिका की शाॅर्ट सेलिंग फॅर्म हिंडनबर्ग संस्था द्वारा यह कार्य किया गया जिससे अडानी ग्रुप की इमेज बिगड़े और अडानी ग्रुप के व्यापार को हानि हो|


हिंडनबर्ग अमेरिका की एक शॉर्ट सेलिंग फॅर्म है। इस प्रकार की फॅर्म शेयर मालिकों से शेयर उधार लेकर बाज़ार में बेचती है और भाव कम होने पर पुन उतने ही शेयर मालिक को लौटाकर अपना लाभ कमाती है।

हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट के द्वारा अडानी कंपनी पर झूठा आरोप लगाया था कि गौतम अडानी गैरकानूनी तरीके से अपनी कंपनी में पैसा लगा रहे हैं। हिंडनबर्ग रिपोर्ट में यह झूठा खुलासा किया गया कि अडानी इंडस्ट्रीज द्वारा शेयर में छेड़छाड़ की जा रही है और इनकम टैक्स की चोरी भी की जा रही है।

विरोधियों द्वारा जो भी आरोप लगाए गए हो लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई जाँच और निर्णय के आधार यही सिद्ध हुआ है कि अडानी इंडस्ट्रीज किसी प्रकार का कोई घोटाला नहीं कर रही है।



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